यूपी का स्विट्जरलैंड: यहां प्रकृति का ऐसा नजारा देख निहाल हो जाएंगे आप, मन मोहते हैं कल-कल करते झरने
यूरोप के खूबसूरत देश स्विट्जरलैंड के बारे में तो आपने बहुत
सुना होगा, लेकिन बजट कम होने के कारण आप वहां जा नहीं पाते। तो उदास होने
की जरूरत नहीं है। आपके बजट में ऐसी कई जगहें हैं जिसे भारत का स्विट्जरलैंड कहा
जाता है। इनमें से एक है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला भी है। देश के प्रथम
प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू 1954
में सोनभद्र पहुंचे थे। तब वो सोनभद्र
की प्राकृतिक बनावट और सुंदरता से इतने मोहित हुए थे कि उन्होंने कहा था कि यह
स्थान भारत का स्विट्जरलैंड बनेगा। और तभी से सोनभद्र को मिनी स्विट्जरलैंड कहा
जाने लगा।
पाषाण कालीन बेलन नदी से जुड़े इस जलप्रपात को देखने के लिए न
केवल स्थानीय बल्कि आस पास के कई जनपदों व मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में सैलानी
यहां पर आते हैं। बाटी-चोखा व अन्य तरह के व्यंजन का आनंद लेते हैं। यहां मकर
संक्रांति, परेवा समेत कई मौकों पर मेले का आयोजन होता है और भारी भीड़ जमा
होती है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु बेलन नदी में नहा धोकर यहां
अवस्थित माता भगवती के प्राचीन मंदिर में दर्शन पूजन करते हैं।
जलप्रपात के नीचे बना प्राकृतिक कुंड बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं। मुक्खा फॉल और आसपास के जंगलों में जंगली कंद-मूल, जड़ी बूटियां, मकोय, बहेड़ा, झड़बेरी आदि बहुतायत में पाए जाते हैं। जलप्रपात के आस पास बहुमूल्य औषधीय गुणों वाले अर्जुन के वृक्ष प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मुक्खा फॉल के दक्षिण दिशा में प्राचीन शिकारगाह के ध्वस्त खंडहर आज भी विद्यमान है।
मुक्खा जलप्रपात के करीब कंदराओं में
चट्टानों पर प्राचीन काल के मानवों द्वारा बनाए गए दुर्लभ शैलचित्र मानव सभ्यता की
अमूल्य धरोहर है। इन शैलचित्रों का काल पांच हजार साल से भी अधिक माना जाता है। इन
चित्रों में बरात जाने का दृश्य, कहारों के साथ डोली,
मंदिर,
धन का चिह्न, आखेट का दृश्य, गाय, हिरण, बैल इत्यादि शामिल
हैं।
इन शैलचित्रों की एक आश्चर्यजनक विशेषता यह है कि अन्य समयों की अपेक्षा लगन (शादी विवाह) के महीनों में इनका रंग चटख हो जाता है और काफी स्पष्ट दिखाई देते हैं। इन शैलचित्रों को स्थानीय लोगों में "सीता-कोहबर"के नाम से जाना जाता है। पुरातत्वविदों के अनुसार बेलन नदी भारतीय उपमहाद्वीप के चंद गिने चुने स्थानों में शामिल है, जहां मानव सभ्यता के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं।
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